हिसार (4 March 2013 ): सीमा का कहना था कि वह अपनें पति से कह रही थी कि मुझे मर जाने दो, नामुराद कैंसर है, क्या पता कितने दिन जी पाऊंगी लेकिन वह नहीं माने, उन्होंने मेरे ऑप्रेशन के लिए 40 हजार रुपए बलदेव से करीब 2 साल पहले कर्ज ले लिया। उन्हें क्या पता था कि कर्ज देने वाले उनके साथ ऐसा खेल खेलेंगे कि जिंदगी तबाह हो जाएगी। आत्महत्या करने वाले व्यापारी अनिल की पत्नी सीमा ने रोते हुए अपना दर्द बयां कर रही थी। आंखों से आंसू थे कि थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह बार-बार चिल्ला रही थी कि थाने की चौखट रगडऩे के बाद भी पुलिस आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। अगर पुलिस समय रहते हमारी फरियाद सुन लेती आज मेरे पति जिंदा होते।
सीमा का कहना था कि वह कमा-कमा कर इन लोगों को रुपए देते गए मगर फिर भी वे लोग जब मन करे हमारी दुकान पर आ धमकते थे और मेरे पति को जान से मारने की धमकी देते। महिला ने बताया कि आरोपियों की जान से मारने की धमकी के डर से उनके पति 27 जनवरी को ही घर छोड़कर चले गए। जब वह घर नहीं लौटे तो 15 दिन बाद 8 फरवरी को उन्होंने एस.पी. बालन के समक्ष पेश होकर मामले से उन्हें अवगत करवाया था और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सीमा के अनुसार एस.पी. ने उनकी जरूर सुनवाई की और उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए सिटी एस.एच.ओ. विपिन कादियान के पास वापस भेज दिया। जब वह थाने में पहुंची तो एस.एच.ओ. ने उसे व्यस्त होने की बात कही और बाद में आने के लिए कहा। इसके बाद वह वहां शिकायत देकर वापस घर आ गई।
मामले को लेकर फिर वह थाना पहुंची तो दूसरे पक्ष को मौके पर बुलाया गया। सीमा का आरोप है कि थाना प्रभारी के सामने 1 आरोपी ने उसका गला पकड़ लिया और उसे जान से मारने की धमकी दी। जब उसने पुलिस को उन पर कार्रवाई करने की बात कही तो थाना प्रभारी ने घटना होने के बाद हत्या का मामला दर्ज होने की बात कहकर और उन्हें धमका कर घर भेज दिया।
कर्जा लेना पड़ा भारी
