वीरू का तिहाड़ जेल में एक अजीब फैसला, चौंक गए तमाम कैदी

14/02/2013 16:58

नई दिल्ली। बुधवार को वार्षिक तिहाड़ ओलिंपिक के दौरान क्रिकेट मैच का फाइनल मुकाबले खेला गया। उस मुकाबले में टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और दिल्ली रणजी टीम के कप्तान शिखर धवन बतौर अतिथि पहुंचे थे। मैच के रोमांच के बीच वीरू यानी वीरेंद्र सहवाग ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसपर मैच देख रहे तमाम कैदी चौंक गए।

दरअसल, खिताबी भिड़ंत में जेल नंबर 1 और जेल नंबर 2 की टीमें आमने सामने थीं। दोनों टीमों ने 168 रन बनाए और मैच टाई हो गया। मैच पूरे रोमांच पर था। इसके बाद बात आई कि आखिर किस टीम को ट्रॉफी दी जाए। इस बात का फैसला वीरेंद्र सहवाग पर छोड़ा गया। उन्होंने सबको चौंकाते हुए जेल नंबर 2 को ट्रॉफी देने का फैसला किया, क्योंकि जेल नंबर 2 के खिलाडि़यों ने अधिक बाउंड्रीज लगाई थी। उनके इस फैसले ने सबको हैरान कर दिया, लेकिन सभी ने तालियों से इस फैसले का स्वागत किया।

मैच समाप्ति के बाद वीरू ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि तिहाड़ जेल में क्रिकेट को लेकर इतनी दिलचस्पी है। उन्होंने कहा कि कैदियों की खेल के प्रति दिलचस्पी की वे सराहना करते हैं। कैदियों के साथ समय बिताने के बाद वे काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं।

तिहाड़ ओलिंपिक

यह नौ जेलों के बीच खेला जाने वाला खेल प्रतियोगिता है। इसमें क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, खो-खो, चेस, कैरम, टेबल टेनिस और मजेदार दौड़ की प्रतियोगिता होती है।