विस्फोटों के सिलसिले में मामला दर्ज, जांच जारी
आंध्र प्रदेश पुलिस ने यहां दिलसुख नगर में गुरुवार को हुए दोहरे बम धमाकों के सिलसिले में मामला दर्ज किया है। इन धमाकों में 16 लोगों की जान चली गयी जबकि 120 से अधिक लोग घायल हुए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरूनगर थाने में आईपीसी और विस्फोटक कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है जिनमें देशद्रोह, धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना, खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल आदि आरोप शामिल हैं।
इसी बीच यह बात सामने सामने आयी है कि दिलसुखनगर में ही विस्फोट से महज कुछ मिनट पहले हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अनुराग शर्मा ने प्रसिद्ध साईंबाबा मंदिर में पूजा अर्जना की थी। यह मंदिर विस्फोट स्थल से महज कुछ गज दूर है। पुलिस ने कहा, ‘‘आयुक्त साढ़े छह बजे मंदिर गए थे। सुरक्षा एहतियात के तौर पर सामान्य से कहीं ज्यादा पुलिसबल तैनात किए गए थे।’’ पहला धमाका गुरुवार शाम छह बजकर 58 मिनट पर हुआ। बृहस्पतिवार होने की वजह से साईंबाबा मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे और इलाके में भीड़ बढ़ गयी थी। दिलसुखनगर के साईंबाबा मंदिर में वर्ष 2002 में धमाका हुआ था जिसमें दो व्यक्ति मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिलसुखनगर बस स्टैंड में यातायात चौकियों पर दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन उनमें से एक काम ही नहीं कर रहा। जब अधिकारी से कैमरे में तस्वीर कैद हो जाने की संभावना के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि उसका मुंह तो यातायात की ओर था। हालांकि उन्होंने कहा कि पुलिस फुटेज पर गौर फरमा रही है।
इस बीच, पता चला है कि हैदराबाद को दहला देने वाले दोहरे बम विस्फोट कांड में हताहत हुए लोगों के जख्म 2007 में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों के जख्मों जैसे ही हैं। एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। विस्फोट की दोनों घटनाओं की जांच करने वाले इस विशेषज्ञ का कहना है कि विस्फोट में मरे लोगों के पोस्टमार्टम से पता चला है कि 2007 में हुए विस्फोट का वेग अधिक था हालांकि पीड़ितों को लगे जख्म समान ही हैं। विशेषज्ञ ने बताया, ‘‘मरने वालों के शरीर में लोहे के कण पाए गए हैं। हमें दोनों बार नट बोल्ट, कील और कांच के टुकड़े मिले।’’
उधर, मौका-ए-वारदात पर चीजें काफी बिखरी हुईं और तहस-नहस होने की वजह से पुलिस को मामले की जांच आगे बढ़ा पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और अब तक किसी तरह का सुराग भी नहीं मिल सका है। हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की विशेष टीमों ने नमूनों को इकट्ठा कर विस्तृत विश्लेषण के लिए भेजा है। वारदात के चश्मदीद गडगोला आनंद की शिकायत के आधार पर सरूर नगर पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं, विस्फोटक पदार्थ कानून की धारा तीन एवं पांच के साथ-साथ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 16,17 और 18 के तहत एक मामला दर्ज किया है।
मौका-ए-वारदात पर गुरुवार शाम सबसे पहले पहुंचने वाले अधिकारियों में रहे एक पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, ‘‘मौका-ए-वारदात पर चीजें काफी अस्त-व्यस्त थीं क्योंकि बड़ी तादाद में लोग इधर-उधर आ जा रहे थे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘मौका-ए-वारदात को देखने के लिए उत्सुक लोगों के अलावा मुख्यमंत्री, बड़ी तादाद में मौजूद मीडियाकर्मियों सहित अति-विशिष्ट लोगों की आवाजाही से भी काफी सबूतों को नुकसान पहुंचा। लेकिन इसके बावजूद हम लोगों ने कई ऐसी चीजें इकट्ठा की हैं जिनसे हमें जांच में मदद मिल सकती है।’’
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ‘‘धमाका काफी शक्तिशाली था लेकिन विस्फोटक कम मात्रा में इस्तेमाल किया गया था क्योंकि यह एक आईईडी था। हालांकि, धमाकों में इस्तेमाल विस्फोटक के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इस मामले की कई कड़ियां जोड़ना अभी बाकी हैं।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस दिलसुखनगर बस स्टैंड जंक्शन (राजीव चौक) में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुए वीडियो फुटेज की जांच कर रही है। इसी इलाके के पास एक बस अड्डे में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को भी पुलिस देख रही है। अपराध अनुसंधान विभाग ने भी जांच में हिस्सा लिया है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। राज्य पुलिस की विशेष टीमें समूचे शहर में वारदात के सुराग हासिल करने के लिए लगायी गयी हैं। सड़क के दूसरे किनारे पर एक दुकान चलाने वाले द्वारकानाथ ने बताया, ‘‘जहां धमाका हुआ वह फास्ट फूड सेंटर हमेशा ग्राहकों से भरा रहता था जिसमें ज्यादातर छात्र होते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस इलाके में कोचिंग सेंटरों की संख्या अच्छी खासी है। जिस वक्त गुरुवार शाम यह हादसा हुआ उस समय कुछ छात्र चाय पीने के लिए दाखिल ही हुए थे।’’
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने संभावित आतंकवादी हमलों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बावजूद जरूरी कार्रवाई करने में नाकाम रहने के लिए राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ा। मौका-ए-वारदात के दौरे के बाद नायडू ने कहा, ‘‘मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं और मांग करता हूं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाए।''
आज दोपहर को घटनास्थल का दौरा करने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी आए। उनके साथ पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन तथा प्रदेश इकाई के कई अन्य नेता भी थे। उन्होंने भारत में आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए सरकार पर आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहने का आरोप भी लगाया।