उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर संसद में हंगामा

05/03/2013 12:57

 

उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उत्तर प्रदेश में एक डीएसपी की हत्या, पंजाब में कथित रूप से पुलिस ज्यादती तथा श्रीलंका में तमिलों की स्थिति समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के साथ ही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा किए गए भारी हंगामे के कारण बैठक कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने विशेष कक्ष में मौजूद मकदूनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया। लेकिन प्रश्नकाल शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के सदस्य उत्तर प्रदेश में एक पुलिस उपाधीक्षक की हत्या के मुद्दे तथा अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्य श्रीलंका में तमिलों की स्थिति को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। द्रमुक के नेता टीआर बालू समेत पार्टी के सभी सदस्य काले कपड़े पहने हुए थे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक डीएसपी की मौत के मामले में कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या का नाम सामने आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और इसी पर बसपा और सपा ने आज सदन में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए। उधर कांग्रेस सदस्य पंजाब में पुलिस द्वारा कथित रूप से एक बाप बेटी को पीटे जाने का मुद्दा उठाते हुए आसन के सामने आ गए। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा और स्थिति शांत न होते देख उन्होंने बैठक कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक हंगामा जारी रहने के कारण 12 बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

राज्यसभा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। उत्तर प्रदेश में एक पुलिस अधिकारी की हत्या, महाराष्ट्र के सतारा जिले में छात्रों और अभिभावकों की मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर पिटाई और पेट्रोलियम के दामों में वृद्धि जैसे अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण सदन में आज भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया और बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक शुरू होते ही बसपा सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में एक पुलिस अधिकारी की हत्या का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

सभापति हामिद अंसारी ने उनसे शांत रहने की अपील की और कहा कि वह कोई जरूरी बात कहना चाहते हैं लेकिन बसपा सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी। इसी बीच जदयू के सदस्यों ने महाराष्ट्र के सतारा जिले में सोमवार को एक सैनिक स्कूल में दाखिला लेने के लिए पहुंचे बिहार एवं उत्तर प्रदेश के छात्रों तथा उनके अभिभावकों के साथ मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर मारपीट किए जाने का मुद्दा उठाया। पार्टी के शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्होंने परीक्षा देने के लिए महाराष्ट्र गए उत्तर भारतीय छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठाने के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने की खातिर नोटिस दिया है। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने श्रीलंका में तमिलों की स्थिति का मुद्दा और भाजपा सदस्यों ने पेट्रोलियम के दामों में वृद्धि का मुद्दा उठाया। हंगामे के बीच ही बसपा सदस्य उप्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारे लगाते हुए आसन के समीप आ गए। सभापति ने हंगामा थमते न देख बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जब बैठक फिर शुरू हुयी तो वही नजारा दिखा और अन्नाद्रमुक तथा बसपा के सदस्य अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। उधर सपा के सदस्य अपनी सीटों से आगे आए हालांकि वे आसन के समीप नहीं आए। भाजपा के कुछ सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े थे। उपसभापति पीजे कुरियन ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।