इंसान का जीवन है नदी के समान-साध्वी सुश्री गरिमा भारती
हिसार, 18 फरवरी: स्थानीय हनुमान मंदिर, महावीर कॉलोनी, हिसार दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नई दिल्ली की ओर से श्रीराम कथामृत कार्यक्रम के अंतर्गत भक्त हनुमान की गाथा को बहुत ही रोचकमयी ढंग से प्रस्तुतीकरण किया गया। सर्व श्री आशुतोष जी महाराज की शिष्या मानस मर्मज्ञा भारत विख्यात महामनस्विनी साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने अपनी मधुर वाणी में व्याखान देते हुए कहा कि सुन्दर काण्ड प्रसंग जिसमें एक भक्त के भक्ति मार्ग पर किए जा रहे संघर्ष की चरम सीमा को भक्त हनुमान के माध्यम से प्रतिपादित किया गया है। सुश्री भारती जी ने बताया कि इन्सान का जीवन नदी की तरह है। एक नदी जिसे पता है कि मुझे सागर में मिलना है अपने अंदर इस उमंग को लिए आगे बढ़ती जाती है। उसके मार्ग में चट्टानें आती हैं, पत्थर आते हैं अनेको रुकावटें आती हैं पर नदी उनकी परवाह न करती हुई इन्हे तोड़ती हुई आगे बढ़ जाती है। इसी प्रकार की ही बाधओं को पार किया भक्त हनुमान जी ने। जब वे माता सीता जी की खोज में लंका के लिए प्रस्थान करते हैं।
साध्वी जी ने बताया कि हनुमान जी ने मैनाक पर्वत, सुरसा, और सिंहिका जैसी बाधओं को पार करते हुए लंका में प्रवेश करते हैं। जो बाहर से देखने पर सुंदर प्रतीत होती है पर भीतर पापाचार, अनाचार हो रहा है। प्रत्येक मानव की यही स्थिति है। बाहर से व्यक्ति अपने शरीर को सजा संवार कर रखता है पर अगर अपनी आत्मा का कल्याण नहीं करता तो उसका शरीर लंका की भांति ही है। यदि अंत:करण में मैल कपट बुराईयाँ हैं तो व्यक्ति कभी भी शांतमय जीवन यापन नहीं कर सकता। इस लिए आज संसार में बाहर से संतुष्ट दिखने वाले बहुत लोग हैं पर वो जानते हैं कि अंदर द्वंद ही चल रहा है। यही कुछ आज हनुमान जी देख रहे हैं। इसलिए उन्होने कहा कि यदि आप आत्म कल्याण करवाना चाहते हैं, भीतर की बुराईयों को, पापाचार को समाप्त करने चाहते हैं। तो एक पूर्ण गुरु की शरण में जाना होगा। जो आप के भीतर ईश्वर का दर्शन करवा दे। प्रत्येक दिन की भांति कथा के पंचम दिवस भी भारी संख्या में श्राद्धालुगणों ने आकर कथारस का पान किया व ब्रह्मज्ञान के संदेश को प्रप्त कर जीवन के श्रेय मार्ग को पाया।
कथा में आज मुख्य अतिथि के तौर पर हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई के मीडिया प्रभारी संजय गौतम व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रवि सैनी विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथियों का कथा आयोजक व हजकां के वरिष्ठ उप प्रधान रामनिवास राड़ा ने स्वागत किया। कथा में मुख्य रूप से स्वामी धीरानंद, रमेश अरोड़ा, पंडित देव शर्मा, हजकां नेता अजय जांगड़ा, समाजसेवी बी.के. भारती, हजकां महिला विंग की जिलाध्यक्ष कृष्णा यादव, युवा हजकां के जिलाध्यक्ष इन्द्रोश गुर्जर, बिहारी लाल राड़ा, बनवारी लाल, सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रहलाद सैनी, मनोहर लाल खोवाल, बिजेन्द्र बैनीवाल, डॉ. दयानंद शर्मा, सतीश सैनी, पंकज शर्मा, कमलेश माईयड़, मूर्ति वर्मा, जगदीश बापोडिय़ा, मांगेराम बिश्नोई, मोहन शर्मा, ज्योति कौशिक, मोहित शर्मा, लूणाराम सैनी, तोताराम सैनी, बिहारी लाल सैनी, बनवारी लाल, रामचन्द्र वर्मा, जितेन्द्र सैनी, रामकुमार, सूबे सिंह सैनी, सुरेश बालाण, रामनिवास बागड़ी, रमेश किरोड़ीवाल, हरि सिंह बागड़ी, महेन्द्र सिंह राड़ा, मुकेश नंबरदार, विनय सैनी, इन्द्राज किरोड़ीवाल, सुनील सैनी आदि उपस्थित थे।