वर्ष-1 संयुक्त -10-11 हिसार (हरियाणा) बुधवार 9 जनवरी से 22 जनवरी 2013
ओमप्रकाश और अजय चौटाला गिरफ्तार, तिहाड़ भेजे गए
नई दिल्ली (एजेंसी) : रोहिणी की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे इनेलो
प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और उनके विधायक बेटे अजय चौटाला समेत 55 लोगों की किस्मत का फैसला सुना दिया है। मामले में सभी आरोपियों को अदालत ने प्रदेश में तीन हजार से अधिक जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) अध्यापकों की गैरकानूनी भर्ती के मामले में दोषी करार दे दिया। फैसले के बाद चौटाला और उनके बेटे को हिरासत में लेकर जेल भेजने के आदेश दे दिए गए। स्पेशल जज विनोद कुमार ने अपने आदेश में कहा, अभियोजन पक्ष सभी आरोपियों के खिलाफ संदेह से परे प्रथम दृष्टया आरोपों को साबित करने में सफल साबित रहा है। सभी आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है और उन्हें हिरासत में लेने के आदेश दिए जाते हैं। अदालत के आदेशों के बाद ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला, उनके राजनीतिक सलाहकार रहे शेरसिंह बडशामी, पूर्व आईएएस अधिकारी संजीव कुमार समेत अन्य सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। अब इन सभी को यहां से सीधा जेल भेजा जाएगा। (इन छह तेजतर्रार जजों की फास्ट ट्रैक कोर्ट देंगी रेप पीडि़तों को जल्द ‘इंसाफ’)
स्पेशल जज ने आरोपी संख्या 1 से लेकर 20 तक की सजा पर जिरह के लिए 17 जनवरी की तारीख की है। जबकि आरोपी संख्या 21 से 40 तक की सजा पर जिरह 19 और बाकी बचे आरोपियों की सजा पर जिरह के लिए 21 जनवरी को होगी। यह घोटाला प्रदेश का बहुचर्चित घोटाला था। स्पेशल जज के निर्देशों के अनुसार सभी आरोपी और दोनों पक्षों के वकील सुबह 10 बजे ही अदालत में पहुंच गए थे। चौटाला पिता-पुञ भी कोर्ट में हाजिर हुए। इस घोटाले के तहत हरियाणा में तीन हजार से अधिक जेबीटी शिक्षकों की कथित तौर से गैरकानूनी भर्ती करा दी गई थी। इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक बेटे अजय चौटाला और कई अन्य अधिकारी आरोपी हैं। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की हिदायत पर यहां स्थित रोहिणी की विशेष अदालत में चल रही है। अदालत ने चौटाला, उनके बेटे और अन्य को आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया है।
चौटाला के अलावा तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व ओएसडी विद्या धर तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौटाला के राजनीतिक सलाहकार शेरसिंह बड़शामी को अदालत ने इस मामले में दोषी घोषित किया। इससे पहले विशेष सीबीआई न्यायाधीश विनोद कुमार ने बीते 17 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई और बचाव पक्ष की तरह से जिरह पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। आज सभी आरोपी अदालत में उपस्थित रहेंगे। इस मामले में एक आरोपी को अदालत ने आरोप तय किए जाते वक्त ही बरी कर दिया थ। अब चौटाला पिता-पुत्र सहित कुल 53 आरोपी बचे हैं।
भारतीय सैनिकों की हत्या बर्बर कृत्य: मनमोहन
नई दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों की हत्या मामले पर आज कहा कि इस बर्बर कृत्य के बाद पाकिस्तान के साथ आम दिनों की तरह व्यवहार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस अपराध (भारतीय सैनिकों के शवों को क्षत विक्षत करने) के लिए जिम्मेदार लोगों को इंसाफ के कठघरे में लाना होगा। जवानों की हत्या के बारे में पाकिस्तान के इनकार के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है पाकिस्तान इसका एहसास करेगा।’’ पाकिस्तान के परिप्रेक्ष्य में विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती। मनमोहन ने कहा, इस पर सरकार की ओर से बयान दिया जाएगा। इस बीच, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारतीय सैनिक का सिर काटे जाने के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान के साथ कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने भी कहा कि दोनियंत्रण रेखा पर जो हुआ वह पूरी तरह से अस्वीकार्य और बर्बर है। खुर्शीद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आगमन पर वीजा का फैसला वापस नहीं लिया गया है बल्कि इसे टाला गया है।
आसाराम पर 700 करोड़ की भूमि कब्जाने का आरोप
मुंबई (एजेंसी) : प्रवचन करने वाले आसाराम पर मध्य प्रदेश में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि पर कब्जा करने का आरोप है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की मांग की है। मामला रतलाम में 200 एकड़ जमीन से संबंधित है और एसएफआईओ चाहता है कि आसाराम और उनके बेटों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और कम्पनी एक्ट 1956 के तहत मामला चले और हाल में उसने इस सिलसिले में अपनी अनुशंसा कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को भेज दी है।
कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आसाराम, उनके बेटे नारायण साई और कुछ अन्य लोगों पर मामला चलाने के लिए हमें एसएफआईओ से अनुशंसा प्राप्त हुई है और यह विचाराधीन है।’’ सूत्रों ने कहा कि दिल्ली-पुणे फ्राइट कोरीडोर पर स्थित यह जमीन जयंत विटामिन्स लिमिटेड (जेवीएल) की है और इस पर वर्ष 2000 में कथित रूप से कब्जा किया गया और तब से वे इसका उपयोग कर रहे हैं। जेवीएल एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है जिसकी सूचीबद्धता 2004 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज से समाप्त कर दी गयी।
कम्पनी दूसरी फार्मा कम्पनियों को ग्लूकोज और विटामिन की आपूर्ति करने वाली अग्रणी कम्पनी मानी जाती है। जेवीएल ने मामले में शिकायत नहीं की जबकि कम्पनी के एक शेयरधारक ने मंत्रालय से संपर्क किया जिसने शिकायत की जांच 2010 में एसएफआईओ को करने को कहा। एसएफआईओ ने दो वर्षों तक मामले की जांच के बाद मंत्रालय को अनुशंसा भेजी है।
जवाबी कार्रवाई में मारा गया पाक सैनिक: बिक्रम सिंह
शेरनगर (मथुरा) (एजेंसी) : पाकिस्तानी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आज कहा कि भारतीय सेनाओं ने नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया और न ही उन्होंने बिना उकसावे के गोलीबारी की और दूसरे पक्ष में यदि कोई हताहत हुआ है तो वह जवाबी गोलीबारी की वजह से हुआ होगा। शहीद लांस नायक हेमराज के परिवार से मिलने के बाद सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारे जवान नियंत्रण रेखा पार नहीं करते। हम मानव अधिकारों का सम्मान करते हैं। हम उकसाने पर जवाब में गोली चलाते हैं।’’ लांस नायक हेमराज का आठ जनवरी को जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पार करके सिर काट दिया था। पाकिस्तान के इस आरोप पर कि नियंत्रण रेखा के इर्द गिर्द ‘‘बिना उकसावे की गई गोलीबारी’’ में उसका एक सैनिक मारा गया, सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों तरफ से गोलियां चलने के दौरान ऐसा हुआ होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह नियंत्रण रेखा पर होने वाली सामान्य गतिविधियां हैं। सीमा पार से गोलीबारी होने पर हमने उसका जवाब दिया।’’ सवालों के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘सीमा पर जो हो रहा है उसके बाद रिश्तों (दोनों देशों के बीच के) को देखना होगा।’’
पाकिस्तान सेना का आरोप है कि भारतीय सेनाओं ने मंगलवार देर रात नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया और हॉटस्प्रिंग और जांद्रोत सेक्टरों में ‘‘बिना उकसावे के गोलीबारी की।’’ हेमराज के सिर को, जो पाकिस्तानी सैनिक अपने साथ ले गए हैं, वापस लाने की संभावना के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि उसे वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’ सिंह ने हालांकि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के इस बयान पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि भारतीय सेना प्रमुख के बयान ‘‘उकसाने वाले’’ हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अभी हिना का यह बयान नहीं पढ़ा है। जनरल बिक्रम सिंह हेमराज के परिवार से मिले और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने शहीद के परिवार को आश्वासन दिया कि उनकी तमाम जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। हेमराज के सर्वोच्च बलिदान का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि उनका यहां आने का मकसद शहीद के परिवार से मिलना है और ऐसा करके वह ‘‘उनके प्रति अपनी एकजुटता और चिंता दिखाना चाहते हैं। हम हेमराज के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करते हैं। जब एक सैनिक अपने जीवन का बलिदान देता है तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए।’’
परिवार द्वारा की गई मांगों पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम परिवार की मांगों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। सेना हेमराज के परिवार की सारी जरूरतें नियमों के अनुसार पूरी करेगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि परिवार को उसका हक मिले और उनकी आकांक्षाएं पूरी हों।’’ उन्होंने कहा कि यह कर्तव्य निर्वहन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सभी शहीदों के परिवारों से मिलने के उनके प्रयास का हिस्सा है और वह एवं उनकी पत्नी इस तरह के अधिकतर परिवारों से मिलने का प्रयास करते हैं। सिंह ने कहा कि देश में शहीद सैनिकों की 10,800 विधवा वीर नारियां हैं। इन सब से मिल पाना संभव नहीं है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उन सब से मिलना उनका दायित्व है।
इस बीच खरार गांव के प्रधान धर्मवीर सिंह ने बताया कि गांव के लोग चाहते हैं कि शहीद की मौत पर शोक व्यक्त करने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी यहां आएं।
इस साल युद्ध लडऩे और जीतने के लिए तैयार रहो - चीन की सेना को मिला आदेश
बीजिंग (एजेंसी) : विवादित द्वीपों पर जापान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीन के सशस्त्र बलों को 2013 में युद्ध लडऩे और जीतने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। चीनी सरकारी मीडिया ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपल्स डेली न्यूजपेपर के विदेशी संस्करण में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और चीन की पीपल्स आर्मड पुलिस फोर्स को युद्ध के लिए तैयार होने और इसे जीतने पर ध्यान देने को कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन निर्देशों के दस्तावेज साल की शुरुआत में पीएलए के जनरल स्टाफ ने 2013 के सैन्य अभ्यास के बारे में जारी किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सशस्त्र बलों को तत्परता से असल युद्ध की तरह सैन्य अभ्यासों को अंजाम देने के साथ उच्च क्षमता युक्त सैनिकों को तैयार करने के प्रयास तेज करने चाहिए। हालांकि रिपोर्ट में पूर्वी चीन सागर में टोक्यो के साथ विवादित द्वीपों का जिक्र नहीं किया गया है जो जापान के अधीन हैं लेकिन चीन इन पर अपना दावा करता रहा है।
चीनी सरकारी मीडिया में पिछले साल जारी रिपोर्ट में सेना के लिए 2012 के लक्ष्यों में सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को नहीं कहा गया था। इसमें सेना से अभ्यास सुधारों को शामिल करने और सूचना तकनीक को अपनाने पर जोर दिया गया था।
चीन और जापान के बीच समुद्री विवाद कई सालों से घटता-बढ़ता रहा है लेकिन पिछले साल जापान सरकार के तीन द्वीपों को प्राइवेट मालिकों से खरीद कर राष्ट्रीयकृत करने के बाद चीन में इसका विरोध शुरू हो गया था। बीते हफ्तों में दोनों देशों के जेट फाइटर इस स्थान पर उड़ानें भरते रहे हैं लेकिन दोनों के बीच झड़पें नहीं हुई हैं।
जापान ने 20वीं सदी के मध्य में कई दशक तक चीन के कई हिस्सों पर कब्जा किया था। दोनों देशों के बीच 1894-95 और 1937-45 तक दो बार युद्ध भी हुए हैं। दूसरा युद्ध सेकेंड वल्र्ड वार का हिस्सा रहा था। सैन्य और आर्थिक ताकत बढऩे के बाद चीन अपने पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवाद पर काफी आक्रामक हुआ है।
चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना है और पिछले एक दशक से हर साल इसका सैन्य बजट भारी भरकम होता गया है।
आदर्श को नहीं मिली थी पर्यावरणीय मंजूरी
मुंबई (एजेंसी) : महाराष्ट्र सरकार ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी को एक तगड़ा झटका देते हुये इस घोटाले की जांच कर रहे दो सदस्यीय न्यायिक आयोग से कहा है कि उसके पास आवश्यक पर्यावरणीय अनुमति नहीं है जबकि समिति ने अपनी कार्यवाही पूरी कर ली है। सूत्रों ने आज बताया कि जांच कर रहे आयोग ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली और अगले महीने अपनी अंतिम रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंप सकती है।
मंगलवार को अंतिम सुनवाई में सरकारी वकील एवाई सखरे ने आयोग को बताया कि इमारत को बिना तटीय नियमन जोन या केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति के बनाया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि सोसाइटी को 31 मंजिल नहीं बनानी चाहिये थी क्योंकि विकास नियंत्रण नियमन, 1967 उसके ऊपर लागू है और इसकी अनुमति नहीं देता। राज्य सरकार ने कहा कि मुंबई कोलाबा इलाके में स्थित इस इमारत को 46.5 मीटर तक ही बनाया जा सकता था जो वर्तमान में 100.7 मीटर है। ऐसा पहली बार है कि राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया है कि सोसाइटी के पास पर्यावरणीय अनुमति नहीं थी।
राज्य सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय के उस दावे का समर्थन किया था जिसमें उसने कहा था कि वर्ष 2003 में शहरी विकास मंत्रालय ने सोसाइटी को एक पत्र लिखा था जिसे मामले में एक आरोपी और विभाग में पूर्व उप सचिव पीवी देशमुख ने इसकी गलत व्याख्या कर इसे पर्यावरणीय मंजूर बताया था। इस आयोग की अध्यक्षता बंबई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेए पाटिल कर रहे हैं जिसकी स्थापना आठ जनवरी, 2011 को की गई थी। यह आयोग अगले महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकता है। आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में पिछले साल कहा था कि जिस जमीन पर विवादास्पद इमारत खड़ी है, वह राज्य सरकार की है न कि रक्षा मंत्रालय की। इसके अलावा आयोग ने यह भी कहा था कि यह जमीन कारगिल की युद्ध विधवाओं, युद्ध के वीरों और उनके संबंधियों के लिये आरक्षित नहीं है।
क्यों राजनीतिक दल और समय मांग रहे हैं : मुंडा
जमशेदपुर (एजेंसी) : झारखंड विधानसभा को भंग किए जाने और नए सिरे से चुनाव कराने की अपनी सिफारिश को उचित ठहराते हुए कार्यवाहक मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने आज सवाल किया कि अगर राजनीतिक दलों के पास पर्याप्त संख्या है तो वैकल्पिक सरकार के लिए वे राज्यपाल से क्यों और समय मांग रहे हैं। मुंडा ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''हम देख रहे हैं कि राजनीतिक पार्टियां वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से समय मांग रही हैं जबकि चलन यह रहा है कि राज्यपाल सरकार बनाने का दावा करने वाली राजनीतिक पार्टियों या गठबंधनों को समय देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि 2006 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा था और उन्होंने विधानसभा को भंग किए जाने की सिफारिश की थी। मुंडा ने कहा कि विधानसभा को भंग किए जाने में और देर नहीं होनी चाहिए और लोगों को लोकप्रिय सरकार चुनने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि देर करने से सिर्फ खरीद फरोख्त को बढ़़ावा मिलेगा। यह दावा किए जाने पर कि उनकी सिफारिश असंवैधानिक है, मुंडा ने सवाल किया कि अगर ऐसा मामला है तो केंद्र कोई फैसला क्यों नहीं कर रहा।
पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव दोषी : पुरी शंकराचार्य
कोलकाता (एजेंसी) : पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती ने आज कहा कि देश में बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि के लिए पाश्चात्य प्रभाव मुख्य कारणों में से एक है। शंकराचार्य ने यहां कहा कि पाश्चात्य प्रभाव- फिल्म, क्लब संस्कृति और मादक पदार्थ ने देश के पुराने मूल्यों और सिद्धांतों को नष्ट कर दिया है। ‘‘इसे बदलने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता से पहले हम अपनी संस्कृति एवं मूल्य बरकरार रखने में सक्षम थे लेकिन गत 65 वर्षों में हमने उसमें से काफी कुछ खो दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी वीभत्स घटना (दिल्ली सामूहिक बलात्कार) अचानक नहीं होती। ये तब होती है जब संस्कृति और मूल्यों की पतली रेखा सभ्यता और विकास के नाम पर लांघी जाती है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को इस पर चिंतन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं नहीं हों। शंकराचार्य ने कहा, ‘‘पहले बहनें और भाई आजादी से घूमा करते थे और कुछ भी नहीं होता था। मानवीय मूल्यों, भावनाओं में गिरावट आयी है..हमारी संस्कृति और सभ्यता हमें महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है जो हमारी बहनें और माताएं हैं।’’ पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या पर टिप्पणी के लिए कहने पर शंकराचार्य ने कहा कि घटना बर्बर और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार पर ऐसी घटनाओं से निपटने में पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमें यह विचार करने की आवश्यकता है कि सरकार और देश की छवि इतनी कमजोर क्यों है कि एक पड़ोसी देश ऐसे कृत्य को अंजाम देने से पहले दो बार नहीं सोचता।’'
निकल गई पाक की हेकड़ी, रखा बातचीत का प्रस्ताव
नई दिल्ली (एजेंसी) : भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान के तेवर ढीले पर गए हैं। उसने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात अपने फौजियों को शांति समझौते का सख्ती से पालन करने और संयम बरतने के आदेश देने के साथ ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत की पेशकश की है। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि सीमा पार से सेना और राजनीतिक नेतृत्व की ओर से भडक़ाऊ बयान देने व तनाव बढ़ाने के बजाय दोनों देशों के लिए यही सुझाव है कि वे नियंत्रण रेखा से संबंधित सभी मुद्दों पर बातचीत करें। उन्होंने बुधवार शाम को जारी बयान में कहा कि कहा कि यह बातचीत विदेश मंत्री के स्तर पर हो जिससे समाधान निकाला जा सके। प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ के कठोर संदेशों के साथ वीजा ऑन अराइवल के क्रियान्वयन को टालने, पाक व्यापार मंत्री की दिल्ली यात्रा के प्रति उदासीन रवैया दिखाने और हॉकी खिलाडिय़ों को वापस भेजने सहित उठाए गए कदमों के एक दिन बाद ही पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई। बुधवार को उसने एलओसी से जुड़ी चिंताओं को सुलझाने और नौ साल पुराने संघर्ष विराम को बहाल करने के लिए भारत के साथ बातचीत की पेशकश कर डाली।
पिछले 10 दिनों से एलओसी पर संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन से तनाव की स्थिति बनी हुई है। संघर्ष विराम के उल्लंघन में भारत के दो और पाकिस्तान के तीन सैनिक मारे गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि दिन में दोनों पक्षों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने फोन पर बात की और नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की जरूरत पर सहमति जताई। सैन्य सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने बुधवार सुबह 10 बजे के करीब अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया और बताया कि एलओसी पर तैनात सभी पाक फौजियों को शांति समझौते का सख्ती से पालन करने और संयम बरतने के आदेश दिए गए हैं। दोनों पक्षों ने तनाव कम करने पर रजामंदी जताई।
देर शाम हिना रब्बानी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत, दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं और वे बातचीत के जरिए सभी चिंताओं का निवारण करते हुए शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी का परिचय दें। उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया और कुछ नेताओं की ओर से लगातार आ रहे नकारात्मक बयानों से पाकिस्तान हैरान और निराश है।
पाक विदेश मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद ने अपने सार्वजनिक बयानों में संतुलन और जानबूझकर आत्म-संयम रखा है। यह क्षेत्र की शांति के हितों को देखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने बातचीत की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और पूरी ऊर्जा के साथ इस संवाद प्रक्रिया को स्थायी व रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारत के साथ रचनात्मक संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान ने काफी आगे तक कदम उठाए हैं। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने इससे पहले भारत पर युद्ध जैसे हालत पैदा करने का दोष मढ़ दिया था।
डीजल-सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में लगने वाली है आग!
नई दिल्ली (एजेंसी) : लोगों के लिए बुरी खबर है कि पेट्रोल में आग पहले ही लग चुकी थी अब डीजल भी महंगी होने वाली है। आज कैबिनेट बैठक में डीजल की कीमतें बढ़ाने पर फैसला हो सकता है। इसके साथ ही रसोई गैस और केरोसीन के दामों में बढ़ोत्तरी का फैसला भी किया जा सकता है यानि आप कुछ भी कर लें, इस बार महंगाई आम जनता की कमर तोड़-कर ही मानेगी। सूत्रों के मुताबिक डीजल के दाम करीब 4 रुपये 50 पैसे तक बढ़ाये जा सकते हैं। डीजल की कीमत बढ़ी तो ट्रांसपोर्ट महंगा होगा, ट्रांसपोर्ट महंगा होते ही सब्जी, फल से लेकर किचन की सारी चीजें महंगी हो जाएंगी। डीजल के साथ-साथ रसोई गैस के दामों में भी आग लगने वाली है। सूत्रों की माने तो अब सब्सिडी वाला सिलेंडर भी महंगा हो सकता है। खबर है कि सब्सिडी वाले सिलेंडर 120 रुपये महंगे हो सकते हैं यानी दिल्ली में सब्सिडी वाला जो सिलेंडर 400 रुपये का है, बढ़ोत्तरी के बाद वो सिलेंडर 520 रुपये का हो जाएगा। साथ ही सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 की जा सकती है। दरअसल एलपीजी की सब्सिडी डीजल की सब्सिडी के मुकाबले काफी कम है। डीजल की सब्सिडी 96,000 करोड़ रुपये है, जबकि एलपीजी पर सब्सिडी बोझ 9,000 करोड़ रुपये का है सूत्रों के मुताबिक दो रुपये तक केरोसीन की कीमतें बढ़ सकती है। केलकर समिति की सिफारिशों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय डीजल, घरेलू रसोई गैस और मिट्टी तेल के दामों में बढ़ोत्तरी करना चाहता है। पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि केलकर समिति के सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। जानकारों का कहना है कि सरकार के लिए अभी माकूल समय है नहीं तो बाद में चुनावी मौसम में सरकार के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा।
भारत ने आतंकवाद मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया
संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी) : भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव के बीच आतंकवाद पर कड़ा संदेश देते हुये भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि आतंकवाद को ‘राज्य की नीति के हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे देश ‘अदूरदर्शी’ हैं और इस ‘भस्मासुर’ से उन्हें खुद भी गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार की अध्यक्षता में आतंकवाद निरोधी बहस में भाग लेते हुये संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष ‘सभी मोर्चों पर और निरंतर’ होना चाहिये। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवादी गुटों से निपटने या आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के चुनिंदा रवैये को सहन नहीं कर सकता है। पुरी ने कहा, ‘‘आतंकवाद भस्मासुर राक्षस की तरह है। राज्य की नीति के हथियार के रूप में आतंकवाद का सहारा लेना अदूरदर्शी है। वस्तुत: जिन्होंने इसका सहारा लिया वे इससे खुद भी बहुत ज्यादा पीडि़त हुये हैं जो इस पुरानी कहावत को साबित करती है कि कि आग से खेलने वाले हाथ जल जाते हैं।’’
एयर इंडिया ने ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानें रोकीं
नयी दिल्ली (एजेंसी) : एयर इंडिया ने अपने सभी छह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानें रोक दी है। एयर इंडिया ने यह कदम अमेरिकी नियामक संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के निर्देश के बाद उठाया है। एफएए ने अपने निर्देशों में अब तक विभिन्न कंपनियों को बिके सभी 50 ड्रीमलाइनरों की उड़ान सुरक्षा कारणों के चलते रोकने को कहा था। जिन देशों की कंपनियों ने अब ड्रीमलाइनर खरीदे हैं उनके विमानन नियामकों को इनका तत्काल पालन करना था। जापान ने अपनी दो विमानन कंपनियों- आल निप्पन एयरवेज तथा जापान एयरलाइंस के पास मौजूद 24 ड्रीमलाइनों की उड़ान कल रोक दी थी। एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि उसने एफएए के निर्देश तथा डीजीसीए के परामर्श को देखते हुए अपने बेड़े में शामिल सभी छह ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानें तत्काल प्रभाव से रोक दी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एफएए ने ड्रीमलाइनर के पूरे बेड़े की उड़ानें रोकने को कहा है। नियामक ने विमान कंपनी बोइंग से उसके विभिन्न मानकों का 'अनुपालन प्रदर्शन' करने को कहा है। एयर इंडिया ने हालांकि यह भी कहा है कि ड्रीमलाइनर की उड़ानें रकने से उसकी उड़ानों पर कोई असर नहीं होगा। कंपनी पेरिस व फ्रैंकफर्ट मार्ग पर अब बोइंग 777 का इस्तेमाल करेगी। कंपनी छह में से एक विमान को आपात स्थिति (स्टेंडबाइ) के लिए रखती है जबकि तीन घरेलू क्षेत्र और दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल करती है।
क्या उदारीकरण के रास्ते पर जा रही है भाजपा?
मुसलमानों के संदर्भ में भाजपा ने इस बार थोड़ा कम आक्रामक रुख अख्तियार किया है। इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला तो यह कि, 2014 में होने वाले संसदीय चुनाव के बाद की स्थिति पर पार्टी आंखें गड़ाए हुए है। लोकसभा में बहुमत के लिए उसे धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में मुसलमानों के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया पार्टी के लिए महंगी साबित हो सकती है और समर्थ गठबंधन प्रस्तुत करने के मौके को खतरे में डाल सकती है।
दूसरा कारण यह हो सकता है कि आज जब वामपंथी पार्टियां भी उदार हिंदुत्व अपनाने लगी हैं, वैसे समय में भाजपा उदार दिखने का साहस कर सकती है। पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस लगातार धर्मनिरपेक्ष पहचान खोती गई है। अगर किसी प्रमाण की जरूरत है तो, गुजरात का ताजा विधानसभा चुनाव इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। 2002 में राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा कैडरों और पुलिसबल की मदद से जिस जातीय नरसंहार का प्रयास किया गया था, उसे इस बार चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने कभी मुद्दा नहीं बनाया। कांग्रेस ने ऐसा माना कि चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों की हत्या का सवाल उठाने से हिंदू वोट बिदक जाएंगे।
कांग्रेस की इस रणनीति से पूरे देश के मुसलमानों को धक्का लगा, क्योंकि कमोबेश वे कांग्रेस को वोट देते आए हैं। ऐसे में मुसलमानों के सामने यह तय करना मुश्किल भरा काम था कि कौन सी पार्टी उदार है। जिस तरह से समुदायों का उग्र उदारीकरण हो रहा है, वह समस्या का हल नहीं है। इसका इस्तेमाल समुदाय को कलंकित करने के साक्ष्य के रूप में किया जाएगा। हिंदू आतंकवाद का मुकाबला मुस्लिम आतंकवाद नहीं कर सकता, क्योंकि मुसलमानों की संख्या कम है।
मैं इस बात का महसूस करता हूं कि कुछ मुसलमानों ने हताशा में हिंसा का सहारा ले लिया है। लेकिन बजरंग दल, राम सेना और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठन चाहते हैं कि मुसलमान इस रास्ते को अपनाएं। मालेगांव, अजमेर और हैदराबाद के बम विस्फोटों में इन संगठनों का दोष साबित हो चुका था, और कुछ मुसलमान युवकों को गिरफ्तार किया गया था। हैदराबाद में पुलिस ने उनकी पिटाई की थी। लेकिन विस्तार से जांच होने पर खुलासा हुआ कि इन विस्फोटों के पीछे हिंदू संगठनों के हाथ थे।
हकीकत में, मुस्लिम युवकों की बेहरतीब गिरफ्तारी इस समुदाय के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय था। इसके समाधान के लिए एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में हिंदु भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया और इसके बाद मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी कम हुई। लेकिन मुस्लिम समुदाय अभी भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। अभी भी अपने मुकदमों की सुनवाई के इंतजार में कई मुस्लिम युवक जेलों में बंद हैं। जिस समय का इस्तेमाल वे पढ़ाई या किसी अन्य उपयोगी काम में कर सकते थे, उनका वह समय जेल में बीत रहा है।
अगर जवाबदेही नाम की कोई चीज होती, तो पुलिस इस तरीके से मनमानी हरकत नहीं करती। जब कोर्ट ने देख लिया कि इनके खिलाफ मामला नहीं बनता, तब जाकर युवकों की रिहाई हुई। तो फिर, आखिर गलती किसने की? गैरकानूनी गिरफ्तारी के लिए जवाबदेह कौन है? अगर इस धारणा को खत्म करना है कि मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी बिना किसी अपराध या वजह से हुई, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
हिंदु और मुसलमानों के बीच बढ़ती दूरी को लेकर मैं ज्यादा चिंतित हूं। सच्चाई है कि इनके बीच सामाजिक लगाव नहीं है। लेकिन आपसी समझबूझ की भी कमी है। संतोष की बात बस इतनी है कि गुजरात नरसंहार के बाद कोई दूसरा बड़ा दंगा नहीं हुआ है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि देश सांप्रदायिकता पर काबू पाने में कामयाब हो गया है। असम ताजा उदाहरण है।
मैं हाल में केरल में था। वहां मैंने वामपंथियों को भी सांप्रदायिक होते देखा। यह ऐसा राज्य है जहां हिंदू और मुसलमानों की तरह मेलजोल की कीमत पर ईसाई भी अपनी बाहें फैला रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि धार्मिक वर्चस्व बढऩे पर सर्वश्रेष्ठ आर्थिक विचारधारा भी विफल हो रही है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में छोटे-मोटे दंगे हुए हैं। मीडिया में इनकी खबरें नहीं आयी हैं। सच्चाई यह है कि जब तक कोई बड़ा दंगा नहीं हो जाता, मीडिया में उसकी खबरें नहीं आती हैं।
दूसरी तरफ एक उदाहरण दिल्ली का है, जहां 23 साल की लडक़ी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ सभी जाति और धर्म के छात्र आगे आए। बर्बरता का विरोध करने के सवाल पर वे एक हुए। दूसरी ओर एक 'गलत' रास्ते से जुलूस निकलने पर तलवारें निकल आयीं।
कांग्रेस नेता अबूल कलाम आजाद और खान अब्दुल गफ्फार खान की तरह मैं भी मानता था कि सांप्रदायिकता अंग्रेजों की देन थी और अंग्रेजों के जाने के बाद इसे खत्म हो जाना चाहिए था। लेकिन मैं गलत साबित हुआ। बंटवारे के पहले जिस तरह का पागलपन मैंने देखा था, ठीक उसी तरह का पागलपन आज भी देख रहा हूं। राजनीतिक दलों को जब कभी लगता है कि इससे चुनावी या कोई और लाभ हो सकता है, तो वे आग में घी डालने का काम कर देते हैं। आजादी के 65 साल बाद भी धर्मनिरपेक्षता की जड़े मजबूत नहीं हो पायी हैं। इससे भी बड़ी समस्या है कि सामंजस्य की भावना लुप्त होती जा रही है।
धर्मनिरपेक्षता को बचाने का एक रास्ता है कि इसे हानि पहुंचाने वाले हर किसी को सजा दी जाए। लेकिन बाबरी मस्जिद गिराने वालों को अब तक सजा नहीं मिल पायी है। इसी तरह तीन हजार मुसलमानों को कत्ल कराने वाले मोदी पर हाथ नहीं डाला गया है। सहूलियत और व्यावहारिकता आड़े आ जाती है और दोषी छुट्टे घूम रहे हैं। लेकिन कल्पना कीजिए, मुसलमानों पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है। भाजपा 1984 के दंगे में सिखों की हत्या के लिए कांग्रेस की भत्र्सना करती है और इसके जवाब में कांग्रेस गुजरात की घटनाओं की याद दिलाती है। बहस के लिहाज से दोनों घटनाएं अहम हैं। लेकिन भारत की धर्मनिरपेक्षता का क्या होगा?
मैं असहज रूप से महसूस कर रहा हूं कि सांप्रदायिक को वैधता मिलती जा रही है। अधिक से अधिक लोग उन्मादी बनते जा रहे हैं। यहां तक कि पुलिस या दूसरे सुरक्षा बल इससे मुक्त नहीं हैं। जबकि अगर लोकतंत्र को जिंदा रखना है तो नफरत और तरफदारी को मिटाना होगा।
हैदराबाद में माहौल को सांप्रदायिक बनाने के मकसद से अकबरूद्दीन ओवैसी ने जो भडक़ाऊ भाषण दिया, उसे सुनकर मैं अचंभित हूं। उसके समर्थन में भीड़ ने जो तालियां बजाईं उससे उतना ही हैरान भी हूं। भारत जैसे देश में उसके लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि ऐसे लोग धर्मनिरपेक्षता की जड़ को काट रहे हैं। सीमाएं चाहे जो भी हो, भारत धर्मनिरपेक्षता के पथ पर आगे बढऩे को प्रतिबद्ध है। इस मूल बात से कोई समझौता नहीं हो सकता।
पाकिस्तान के साथ ऐसी उदारता का क्या अर्थ!
बीते दिनों पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियंत्रण रेखा के भीतर घुसकर आठ सैनिकों की पलटन पर घात लगाकर हमला करना एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने दो सैनिकों की हत्या कर उनमें से एक के शव को विकृत कर दिया। यह ठीक है कि हमारा पड़ोसी एक शैतान मुल्क है, और हम उसके साथ रिश्ते सुधारने का औचित्य ठहराते हुए कोई भी तर्क दे सकते हैं, लेकिन क्या हम मुंबई हमले से आगे बढ़ पाए हैं? हमारे तमाम तर्क पुराने हैं, और अपने कदमों को सही ठहराने की तमाम दलीलें पहले सुनी जा चुकी हैं। हम क्रिकेट खेलेंगे, वीजा नियमों को उदार बनाएंगे, व्यापारिक संपर्कों को बढ़ावा देंगे, पाकिस्तान में अच्छे शासन के आने की प्रतीक्षा करेंगे और उसके प्रायोजित आतंकी गुटों द्वारा मारे गए अपने नागरिकों, सैनिकों एवं सुरक्षाकर्मियों को सही वक्त पर श्रद्धांजलि देंगे!
ठीक है कि पाकिस्तान से निपटने का कोई आसान विकल्प नहीं है, लेकिन हम यह भी समझना नहीं चाहते कि हमारी उदारता से कुछ नहीं होने वाला। पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी इस बात को जानते हैं। यही कारण है कि हमारे एवं वैश्विक समुदाय की लाख कोशिशों के बावजूद 26/11 मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ और इस घटना के संदर्भ में भी कुछ नहीं होगा। ऐसे मौकों पर हमें अपनी पारंपरिक सोच से बाहर निकलकर सोचना होगा।
पिछले महीने की घटनाओं ने महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में एक सोच को जन्म दिया है। लेकिन तमाम बुरी चीजों के बीच मैं कुछ अच्छाइयां भी देखता हूं। मुझे कहा जाता है कि मैं अक्सर वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ रहता हूं, क्योंकि मुझे अपने देश और देश की चीजों में कुछ भी गलत नहीं लगता है। मैं मानता हूं कि इसके लिए हम सभी दोषी हैं, क्योंकि हमें अपने देश से प्यार है। यह दुखद है कि सुधार की पहल सुशासन की निरंतर प्रक्रिया और अपना स्वार्थ न सोचने वाले कुछ बेहतर नेताओं की कोशिशों के कारण नहीं, बल्कि व्यापक कष्ट एवं नुकसान के बाद होती है। यह सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि शासन के तीनों अंगों की कटु सचाई है। दुखद है कि गठबंधन ढांचे ने सुधार की प्रक्रिया को मुश्किल बना दिया है, जिसका खामियाजा सबको भुगतना पड़ेगा।
इसके लिए हमें सोच-समझकर कदम उठाना होगा। अब देखिए कि 'निर्भया' के साथ जो बर्बर बर्ताव हुआ, उससे उसको एवं उसके परिवार को कितना कष्ट भुगतना पड़ा। बेशक हम एक-दूसरे पर दोष मढक़र अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ सकते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। महिलाओं के जीवन में हर स्तर पर उसके साथ स्वाभाविक रूप से भेदभाव होता है। इस ऐतिहासिक भूल को सुधारने का यह हमारे लिए एक अवसर है। और हमें अपने व्यवहार में बदलाव की शुरुआत अपने घर एवं परिवार से करनी होगी।
हम अक्सर अपनी जनसांख्यिकी प्रणाली, नई प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया की अभिव्यक्ति के व्यापक प्रसार के बारे में बातें करते हैं और पाते हैं कि हाल की घटनाओं पर इसके अच्छे एवं बुरे प्रभाव पड़े हैं। हम सबने अरब क्रांति देखी है, जिसके चलते कई देशों में लोग सडक़ों पर उतर आए। लोकतांत्रिक संस्थाओं के अभाव में मानव जीवन का नुकसान होता है, पर हमारे देश में चीजें वहां से अलग हैं। दिल्ली में लोगों ने सडक़ों पर उतरकर जिस तरह प्रदर्शन किया, वह राष्ट्रीय भावनाओं को दर्शाता है। यह मानना गलत होगा कि इस मुद्दे पर ग्रामीण एवं शहरी भारत अलग-अलग सोचता है।
आसाराम बाबा के 'विचारों' को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसा लगता है कि दकियानूसी मानसिकता का पर्दाफाश हो रहा है। हमें जागरूक टीवी मीडिया एवं प्रौद्योगिकी का शुक्रगुजार होना चाहिए, जो सुनिश्चित करता है कि अब कुछ भी गोपनीय नहीं है। बाबा और उन जैसे लोग पहले भी ऐसी भाषा का प्रयोग करते थे, पर मुझे नहीं लगता कि भविष्य में वे ऐसी भाषा का प्रयोग करेंगे। अच्छा होता, अगर उन्होंने माफी मांगने के क्रम में हाथी और भौंकने वाले कुत्ते का जिक्र नहीं किया होता। अच्छी बात यह है कि ऊंची उड़ान भरने वाले इस बाबा पर अब लोगों की नजर रहेगी। उनकी संपत्ति की जांच भी जरूरी है। ऐसे आत्मकेंद्रित लोग खुद को लोक निगरानी और कानून से ऊपर समझते हैं।
आसाराम के अलावा हैदराबाद में मजलिस-ए इत्तेहादुल-मुस्लमीन के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी नफरत फैलाने वाला भाषण दिया। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार ऐसा भाषण दिया। हां, इस बार फेसबुक, ट्वीटर, यू ट्यूब मीडिया के कारण ही यह संभव हुआ कि नफरत फैलाने वाला उनका भाषण चंद सेकंडों में दुनिया भर में फैल गया। जनमत की प्रतिक्रिया काफी गंभीर थी। हैदराबाद से बाहर ओवैसी को शायद ही कोई जानता होगा, लेकिन आज गलत कारणों से पूरे देश के लोग उन्हें जान गए हैं। इस घटना में सभी राजनेताओं के लिए एक सबक छिपा है। जनसभाओं को संबोधित करते हुए नफरत फैलाने वाले भाषण देना आजकल आम प्रवृत्ति है। ऐसे लोग यह भी नहीं सोचते कि इस तरह की असावधानी को अब रिकॉर्ड करके मिनट भर में पूरे देश में प्रसारित किया जा सकता है। पिछले महीने कई राजनेताओं के साथ ऐसा हुआ है।
याददाश्त में गंभीर कमी? अल्झाइमर्स तो नहीं?
छोटी छोटी बातों को भूलना आम तौर पर बहुत ही सामान्य बात होती है और कई बार इसका कारण व्यस्तता या लापरवाही होता है। लेकिन भूलने का संबंध अल्झाइमर से भी होता है इसलिए इसे टालना उचित नहीं होगा। विम्हंस हॉस्पिटल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. संजय पटनायक ने कहा, ‘अगर अपनों का नाम, फोन डायल करने का तरीका भूल जाएं या अपने घर के अंदर एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने का रास्ता आपको याद न रहे, तो इसे मामूली तौर पर न लें। यह बीमारी याददाश्त में सामान्य कमी नहीं, बल्कि अल्झाइमर हो सकती है, जिसके लिए किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।’ अल्झाइमर के लक्षणों के बारे में बॉम्बे अस्पताल की पूर्व मनोचिकित्सक डॉ. अनु हांडा ने बताया ‘‘इसके मरीज दिनचर्या से जुड़ी बातों को ही भूल जाते हैं। उन्हें अचानक याद नहीं आता कि उन्होंने नाश्ता किया या नहीं, उन्होंने स्नान किया या नहीं, किसी का नंबर फोन पर डायल करना है तो कैसे करें, अपने घर की दूसरी मंजिल पर कैसे जाएं और अपने बच्चों या अपने साथी का नाम क्या है।’ डॉ. टंडन के मुताबिक ‘अल्झाइमर क्यों होता है इसका वास्तविक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है लेकिन अनुसंधान जारी है और शायद जल्द ही कुछ पता चल जाए। दूरदराज के पिछड़े इलाकों में इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण लोग भूलने की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते। जबकि यह बीमारी है।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आकलन के मुताबिक दुनिया भर में लगभग एक करोड़ 80 लाख लोग अल्झाइमर से पीडि़त हैं। डॉ. टंडन बताते हैं ‘इस बीमारी के मरीज पर लगातार ध्यान देना पड़ता है। वह शुरू में छोटी छोटी बातें भूलते हैं लेकिन बाद में उन्हें खुद से जुड़े जरूरी काम भी याद नहीं रहते। दवाइयों से ऐसे मरीजों के इलाज में मदद मिलती है। लेकिन इसे पूरी तरह ठीक करना अब तक तो संभव नहीं हुआ है।’ डॉ. अनु के मुताबिक, कभी मरीज को बाद में यह सोच कर खुद पर हंसी आ सकती है कि वह फोन का नंबर डायल करना कैसे भूल गया। लेकिन ऐसे लक्षण सामने आने पर मरीज को फौरन मनोचिकित्सक के पास जाना चाहिए। क्या याददाश्त कम होना और अल्झाइमर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं ? इसके जवाब में डॉ. टंडन ने कहा ‘याददाश्त कम होने से कहीं ज्यादा खतरनाक है अल्झाइमर। सोचिये कि इसके किसी मरीज को अगर रास्ते में अचानक महसूस हो कि घर कहां है, पता नहीं, तब उस पर क्या बीतेगी। अल्झाइमर में दिमाग के तंतुओं का आपस में संपर्क कम हो जाता है। बहुत से लोग अल्झाइमर को भी याददाश्त कम होना मान लेते हैं, पर यह समस्या बिल्कुल अलग है।’ संजय लीला भंसाली की ‘ब्लैक’ फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक ऐसे शिक्षक की भूमिका निभाई थी, जिसे बाद में अल्झाइमर हो जाता है और वह सबको भूल जाता है।
चौटाला को दोषी करार दिए जाने के फैसलो का स्वागत - कुलदीप
हिसार (निस) : हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सांसद कुलदीप बिश्नोई ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा जेबीटी भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय चौटाला को दोषी करार दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से लोगों में न्यायपालिका के प्रति न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत पहले ही कह चुका हूं कि चौटाला परिवार की भ्रष्ट नीतियों के कारण उसका भविष्य प्रदेश की सत्ता की बजाय जेलों में है। उन्होंने कहा कि भर्ती मामले में लोगों को न्याय मिलने में देरी अवश्य हुई किंतु आखिरकार न्याय मिल ही गया। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि हिसार लोकसभा उपचुनाव में अजय चौटाला की करारी हार के बाद से इनेलो का पतन शुरू हो चुका है। अपने निरंतर गिर रहे जनाधार के कारण चौटाला परिवार बौखलाया हुआ था। बुधवार को अदालत के फैसले के बाद तो इनेलो की दुकान पर पूरी तरह ताला लग गया है। अब इनेलो में भगदड़ मची हुई है। सांसद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि जनहितों के लिए संघर्ष करने वाले और अच्छी छवि वाले इनेलो नेताओं का हजकां में स्वागत है। हजकां में शामिल होने वाले उन सभी नेताओं को पार्टी संगठन में भरपूर मान-सम्मान दिया जाएगा।
सघन पोलियो उन्मूलन अभियान 20 जनवरी को
हिसार (निस) : सघन पोलियो उन्मूलन अभियान के कारण जिला में 2008 से अब तक कोई भी केस पोलियो का नहीं मिला है। पोलियो जैसी बिमारी को जड़मूल से खत्म करने के उद्ेश्य से सघन पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरूआत की गई थी और इसी कड़ी में 20 जनवरी को बूथ स्तर पर तथा 21 व 22 जनवरी को घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाई जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त निखिल गजराज ने आज लघुसचिवालय स्थित अपने कार्यालय में सघन पोलिया उन्मूलन े अभियान के तहत जिला समन्वयक कमेटी की बैठक के दौरान दी। बैठक में सघन पोलियो अभियान की रूप रेखा बारे चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत शहरी क्षेत्र के एक लाख 17 हजार 133 व ग्रामीण क्षेत्र के 1 लाख 36 हजार 839 बच्चों को पोलियों की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार जिला में कुल 2 लाख 58 हजार 281 बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पोलियों की दवा पिलाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मोबाईल, टांजिट टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें जिला में बनाए गये कुल 975 बूथों पर काम करेंगी। इनमें 104 मोबाईल टीम व 80 टांजिट टीमें शामिल हैं। इन टीमों में कुल 4152 सदस्य काम करेंगे, जिन पर 232 सुपरवाईजर की भी ड्यूटी लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 406 बूथ बनाए गये हैं, जिन पर 19 मोबाईल व 61 टांजिट टीम काम करेंगी। इन टीमों में 1784 सदस्य होंगे तथा 100 सुपरवाईजरों की ड्यूटी लगाई गई है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में 569 पोलियो बूथ बनाए गये हैं, जिन पर 85 मोबाईल टीम व 19 टांजिट टीम काम करेंगे, इन टीमों में कुल 2368 सदस्य शामिल होंगे, इन पर 132 सुपरवाईजर काम करेंगे।
उन्होंने जिलावासियों से अपील की कि वे अपने 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को अपने नजदीकी बूथ पर लेकर आएं और अपने बच्चों को पोलिया की खुराक पिलवाकर इस अभियान को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें। इस अवसर पर सिविल सर्जन हिसार डा. अशोक चौधरी, रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव रविन्द्र लोहान, उप जिला शिक्षा अधिकारी रण सिंह सैनी, उप सिविल सर्जन डा. राजीव बुडानीया, एसएमओ डज्ञ. रत्ना भारती, अर्बन प्रतिरक्षण नोडल अधिकारी डा. तरूण कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र महिलाओं की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन
हिसार (निस) : स्थानीय महाबीर स्टेडियम में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से हिसार प्रथम व द्वितीय खंड के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र महिलाओं की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में मुख्यअतिथि के तौर पर जिला परिषद के अध्यक्ष डा. राजेन्द्र सूरा ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेल से मनुष्य का मानसिक व शारीरिक विकास होता है तथा अनेक बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को नकद पुरस्कार के साथ-साथ विभिन्न बोर्ड, निगमों में नौकरियां भी दी जा रही हैं। प्रतियोगिता मेें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 500 रुपए, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले को 300 रुपए व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली प्रतिभागी को 200 रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर उन्होंने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया। हिसार प्रथम खंड की खेलकूद प्रतियोगिता की 100 मीटर दौड़ में कैलाशों प्रथम, राजबाला द्वितीय, ऊषा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। मटका रेस में कमला ने प्रथम, खजानी द्वितीय तथा रोशनी तीसरा स्थान प्राप्त किया। आलू चम्मच दौड़ में मूर्ति देवी ने प्रथम, सावित्री ने दूसरा व नन्ही देवी तीसरा स्थान प्राप्त किया। 300 मीटर दौड़ में अनिता ने प्रथम, सुलोचना ने द्वितीय, सुदेश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर दौड़ में सुनीता ने प्रथम, पूजा ने द्वितीय, पिंकी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। साईकिल रेस में किरण ने प्रथम, सुमन ने द्वितीय तथा राधा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिसार शहरी खेल कूद प्रतियोगिता की 100 मीटर दौड़ में भरपाई ने प्रथम, संतोष ने द्वितीय तथा सरोज ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। नींबू रेस प्रतियोगिता में सुनीता ने प्रथम, मीना ने द्वितीय तथा मोहिनी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। मटका रेस में आनंद ने प्रथम, फूलपति ने दूसरा तथा राजबाला ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। साईकिल रेस में प्रमिला ने प्रथम, ज्योति ने दूसरा, मोनिका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 300 मीटर दौड़ में मोहिनी ने प्रथम, बिमला ने दूसरा तथा सपना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर दौड़ में मंजू ने प्रथम,अनामिका ने दूसरा तथा रेखा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर सीडीपीओ प्रणिता गोस्वामी, कार्यक्रम अधिकारी आशा सेतिया सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
ऑडिटोरियम का नाम चौ. रणवीर सिहं-रगां
हिसार (निस) : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के ऑडिटोरियम का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं मुख्यमंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पिता चौधरी रणवीर सिंह के नाम पर रखा गया है। ऑडिटोरियम का नाम चौधरी रणवीर सिंह के नाम पर रखने का निर्णय मंगलवार को विश्वविद्यालय की 63वीं कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एम.एल रंगा ने की।
संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार किया कुलदीप शर्मा ने : गठबंधन
-हजकां-भाजपा ने फूंका स्पीकर कुलदीप शर्मा का पुतला-
हिसार (निस) : हजकां के पांच बागी विधायकों की सदस्यता बारे हरियाणा विधानसभा के स्पीकर कुलदीप शर्मा द्वारा रविवार को सुनाया गया फैसला पूरी तरह से संवैधानिक मर्यादाओं के विरूद्ध है और दलबदल कानून का भद्दा मजाक है। अपने पद की गरिमा को भूलकर कुलदीप शर्मा ने स्पीकर का फैसला नहीं, बल्कि सरकारी फैसला सुनाया है, जो कि पहले से ही तय था। स्पीकर के इस फैसले से जहां कानून की उल्लंघना हुई है, वहीं हरियाणा प्रदेश की जनता में इस फैसले से भारी रोष है। यह बात हजकां हिसार लोकसभा प्रभारी निहाल सिंह मताना, जिलाध्यक्ष रणधीर सिंह पनिहार, संजय गौतम, भाजपा नेता पवन खारिया, रवि सैनी व अन्य हजकां-भाजपा नेताओं ने स्थानीय पारिजात चौक पर कुलदीप शर्मा का पुतला फूंकने उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। भारी संख्या में उपस्थित हजकां-भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं स्थानीय पारिजात चौक पर जोरदार नारेबाजी कर कुलदीप शर्मा का पुतला फूंका व उनसे तुरंत स्पीकर पद से त्यागपत्र दिए जाने की मांग की। गठबंधन नेताओं ने कहा कि दुनिया जानती है कि हरियाणा विधानसभा में रेनुका बिश्नोई हजकां की विधायक हैं, कुलदीप बिश्नोई लोकसभा में हजकां के सांसद हैं। इसके अलावा हरियाणा जनहित कांग्रेस (बी एल) चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड क्षेत्रीय दल के रूप में दर्ज हैं।
इसके बावजूद कुलदीप शर्मा का यह कहना कि हजकां का कांग्रेस में विलय हो गया है, कानून व संवैधानिक मर्यादाओं की उल्लघंना नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों की सदस्यता हर हाल में रद्द होगी, क्योंकि माननीय हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गंभीरता से इस मामले को देख रहे हैं और हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने जहां पांच विधायकों से दलबदल करवाकर पाप किया था, वहीं कुलदीप शर्मा ने इनको बचाकर उनसे भी बड़ा पाप किया है। ऐसे आदमी को एक पल भी स्पीकर जैसे मर्यादित पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि
इस अवसर पर वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष रामनिवास राड़ा, हिसार हलका प्रधान गुलजार सिंह काहलो, सुरेश धूपवाला, इन्द्रोश गुर्जर, कृष्णा यादव, सुभाष बिश्नोई, सुभाष टाक, जयवीर गिल, राजाराम खिचड़, मानसिंह दहिया, अजय जांगड़ा, राजबाला खेड़ी बर्की, सुनीलपाल वाल्मीकि, सत्यवान दुहन, रविन्द्र बहार, राजपाल सिंघवा, संतोष ढुल, सुरेन्द्र शर्मा, महेन्द्र सिंह घोड़ेला, बिजेन्द्र बैनीवाल, राजबीर ढांडा, सुभाष प्रभुवाला, सुशील जैन, गोविंद अग्रवाल, आनंद सिंह दांगी, महावीर गावडिय़ा, दलबीर सलेमगढ़, रामफल बूरा, सूबे सिंह आर्य, सतबीर शर्मा, सुभाष देहडू, राजेश काबरेल, फूलकुमार मात्रश्याम, गुलाब सिंह खनगवाल, महावीर पूनिया, ईश्वर बगला, रत्न सिंह चेयरमैन, सुशील कौशिक, रंजिव राजपाल, अनिल लितानी, कमलेश माईयड, सतीश सैनी, रमेश किरोड़ीवाल, सुशील सैनी आदि भारी संख्या में हजकां-भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हरियाणा राज्य खेल महोत्सव के लिए पंजीकरण 31 तक
हिसार (निस) : भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के तत्वावधान में हरियाणा ओलम्पिक संघ द्वारा मार्च माह में गुडगांव व सोनीपत में होने वाले हरियाणा राज्य खेल महोत्सव के लिए जिला, राज्य व नेशनल स्तर पर विजेता खिलाडियों का पंजीयन 31 जनवरी तक किया जाएगा। हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के महासचिव कुलदीप शर्मा ने बताया कि इसमें प्रवेश के लिए विजेता खिलाडियों के आवेदनों का पंजीकरण डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर किया जा रहा हैं। सभी प्राप्त आवेदनों की प्रतियोगिता के आधार पर ही हिसार, कुरूक्षेत्र, रोहतक, कैथल, भिवानी, महेन्द्रगढ, रेवाडी, गुडगांव, फरीदाबाद व रोहतक की जिला टीम का चयन किया जाएगा। प्रत्येक जिला टीम में एक-एक सब-जुनियर, जुनियर, सीनियर व महिला खिलाडी समेत कुल चार खिलाडी शामिल होंगे। इस संबंध में हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) की ओर से गुडगांव व सोनीपत में होने वाले हरियाणा राज्य खेल महोत्सव के लिए राज्य भर से खिलाडियों के आवेदन-पत्र 31 जनवरी तक आमंत्रित किए गए हैं। शतरंज महोत्सव स्विस सिस्टम के आधार पर 7 राउंडो में होगा। एचसीए के महासचिव कुलदीप शर्मा ने महोत्सव में भाग लेने के इच्छुक सभी श्रेष्ठ खिलाडियों से पंजीयन संबंधी आवश्यक कागजात समय पर पूरे करने और प्रतियोगिता परमिट हासिल कर लेने का अनुरोध किया है।
21 से 25 जनवरी तक व्यवसायिक योजना सप्ताह का आयोजन
हिसार (निस) : जिला के मण्डल रोजगार कार्यालय में 21 से 25 जनवरी तक व्यवसायिक योजना सप्ताह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बेरोजगार युवक व युवतियों को स्वयं रोजगार योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए मण्डल रोजगार अधिकारी श्री बी.एस.गिल ने दी। उन्होंने कहा कि इस व्यवसायिक योजना सप्ताह के साथ-साथ 21 जनवरी को रोजगार मेले का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें वीआर मैडिकल सर्विसिज प्राईवेट लिमिटिड कम्पनी द्वारा 300 प्रार्थियों का साक्षात्कार लिया जाएगा और मौके पर ही नियुक्ति पत्र दिये जाएंगे। इस रोजगार मेले में 10वीं से बीए तक की योग्यता वाले प्रार्थी भाग लेंगे।