वर्ष-1 अकं - 12 हिसार (हरियाणा) बुधवार 23 जनवरी से 29 जनवरी 2013
भारत को विश्व में एक सम्पूर्ण गणराज्य के रूप में पहचान मिली : अनिता यादव
हिसार (निस) : मुख्य संसदीय सचिव हरियाणा श्रीमती अनिता यादव ने 64वें गणतन्त्र दिवस केे अवसर पर स्थानीय महाबीर स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा परेड की सलामी ली। उन्होंने उपस्थित लोगों को गणतन्त्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज ही के दिन स्न 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और भारत को विश्व में एक सम्पूर्ण गणराज्य के रूप में पहचान मिली। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि आज देश में जो संविधान लागू है, उस संविधान को बनाने में डॉ० भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में गठित संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी में स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह भी शामिल थे। आज हम इस न्याय, स्वतन्त्रता, समानता एवं भाईचारे के आदर्शों से परिपूर्ण विश्व के सबसे बड़े, अनूठे तथा धर्मनिरपेक्ष संविधान को अपनाकर गौरवमयी महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति विश्व इतिहास का एक अत्यन्त गौरवपूर्ण अध्याय है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डा. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डा. भीवराव अम्बेडकर, मौलाना अब्दुुलकलाम आजाद, लाला लाजपतराय जैसे महान नेताओं के नेतृत्व में एक लम्बा संघर्ष किया और अनेक कुर्बानियां दी। शहीदे आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद, उधम सिंह जैसे महान क्रांतिकारी वीरों ने मातृ भूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। आज हम अपने असंख्य देश भक्तों के बलिदान के कारण ही आजाद एवं लोकतंत्र की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले सभी ज्ञात, अज्ञात शहीदों, देश भक्तों और महान स्वतंत्रता सेनानियों को कोटि-कोटि नमन करती हूं।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वीरों की भी एतिहासिक भूमिका रही है। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपराय की कर्मभूमि हरियाणा रही है और उन्होंने वर्षों तक हिसार में वकालत की और यहीं से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। हरियाणा सरकार ने हरियाणा के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार का नामकरण भी उनके नाम पर किया है। आजादी के बाद देश में विकास के हर क्षेत्र में अत्याधिक प्रगति की है और इसी की बदौलत भारत विश्व की एक
महान शक्ति के रूप में ऊभर रहा है। देश का युवा राष्ट्र निर्माण के लिए खड़ा हो गया है। प्रदेश ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की दूरगामी सोच और विकासोनुमखी नीतियों एवं कार्यक्रमों के कारण हर क्षेत्र में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों की आशाओं के अनुरूप कृषि, उद्योग, परिवहन, आधारभूत सरंचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याण जैसे सभी क्षेत्रों में अदभुत प्रगति की है। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों, सेवार्थ व भूतपूर्व सैनिको, किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जातियों व समाज के कमजोर वर्गों, व्यापारियों व कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पैंशन 15 हजार से बढाकर 20 हजार रुपए कर दी है। इसी प्रकार उनके आश्रितों की दी जाने वाली पैंशन, वजीफे और अनुदान की राशि में भी भारी बढोतरी की है। समाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धावस्था सम्मान भत्ता 300 से बढाकर 500 व 700 रुपए प्रति मास किया गया है। इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत विधवाओं तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति की लड़कियों के विवाह पर 31 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
हर पंचायत समिति को विकास कार्यों के लिए साल में 50 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। किसानों द्वारा लिए जाने वाले फसली ऋणों पर ब्याज दर 11 से घटाकर 4 प्रतिशत कर दी गई है। गन्ने की हर किस्म के दाम 45 रुपए प्रति क्विंटल बढाए गए हैं। किसानों को बेहतरीन सुविधाएं देने के कारण प्रदेश को गेंहू उत्पादन मेें लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश को 2011-12 मेें 130.69 लाख टन गेंहूं के उत्पादन और 5182 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। वर्ष 2013 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में नई उद्योग एव निवेश नीति लागू की गई है। उद्योग हितैषी नीतियों के कारण हरियाणा देश-विदेश की उद्यमियों की पहली पसंद बन गया है। बिजली के मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रदेश में नये बिजली संयंत्र लगाए जा रहे हैं, वहीं पुराने संयंत्रों की क्षमता बढाई जा रही है। वहीं जरूरत पडऩे पर भुटान जैसे पड़ोसी देश से बिजली के लिए समझौता किया है।
उन्होंंने कहा कि प्रदेश में रेल और सडक़ व्यवस्था केन्द्र सरकार के सहयोग से मजबूत की जा रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान सरकार के 8 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं, वहीं चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए एक चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा चार नये मैडिकल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। देश के पहले महिला राजकीय महाविद्यालय, खानपुर कला में शैक्षणिक सत्र शुरू किया जा चुका है और करनाल के मैडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी गई है। झज्जर के बाडसा में एम्स-2 की स्थापना का कार्य शुरू होने के साथ ही आऊट रिच ओपीडी शुरू हो गई है। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मुफ्त सर्जरी सुविधा तथा सस्ती सर्जरी पैकेज सुविधा और मुफ्त दवाईयां दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रदेश में हर वर्ष 5 करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं, वहीं पॉलिथीन एवं पॉलिथीन से बनी वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। महिलाओं के मान-सम्मान व सुरक्षा के प्रति सरकार बेहद गंभीर है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1091 पुलिस हैल्पलाईन शुरू की गई है, जिसे डायल करके कोई भी पीडि़त महिला पुलिस सहायता ले सकती है। सरकार ने समाज के गरीब वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए भी कई योजनाएं शुरू की है।हरियाणा पिछड़े वर्ग आयेाग की सिफारिश पर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का एतिहासिक निर्णय लिया है। वर्ष 2013 के दौरान, हर सिर को मिलेगी छत नामक अनूठी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 2 लाख गरीब परिवारों को घर देने का लक्ष्य रखा गया है। हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि औलम्पिक खेल 2016 में स्वर्ण, रजत व कास्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5 करोड़, 3 करोड़ तथा 2 करोड़ रुपए और प्रत्येक प्रतिभागी को 21-21 लाख रुपए दिए जाएंगे।
इससे पूर्व श्रीमती अनिता यादव ने लघुसचिवालय स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध स्मारक पर कर्नल प्रताप सिंह, कर्नल रामप्रताप, कर्नल रामचन्द्र, कर्नल जयसिंह, कर्नल हरबजगुर, कर्नल रामअवतार, कर्नल एस के मलिक, कर्नल एस के कूंडू, कर्नल प्रताप सिंह ढिल्लो, एम एस श्योराण उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले बच्चों को एक लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। विभिन्न विभागों द्वारा निकाली गई झांकियों में प्रथम स्थान डीआरडीए, द्वितीय स्थान राज्य पशुधन फार्म व तृतीय स्थान जिला बाल सरंक्षण समिति की झांकी को दिया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों, स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को भी सम्मानित किया गया। गणतंत्र दिवस समारोह में विधायक प्रो. सम्पत सिंह, सावित्री जिंदल, आईजी एएस चावला, उपायुक्त अमित कुमार अग्रवाल, एसपी बी सतीश बालान, एडीसी अशोक कुमार गर्ग, एसडीएम गरिमा मित्तल, एसीयूटी अमित खत्री, सीटीएम अमरदीप जैन, गीता यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
आयोगों को सरकार से समर्थन नहीं मिला: अनीता
कोलकाता (एजेंसी) : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ का कहना है कि 1945 में उनके पिता के लापता होने के बाद उनकी जानकारी जुटाने के लिए गठित जांच आयोग सरकार की ओर से पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने के कारण असहाय रहे। हालांकि वह मानती हैं कि उनके पिता अब जीवित नहीं हैं। अनीता ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि जांच आयोग को कितनी मदद मिली लेकिन मुझे लगता है कि कुछ मायनों में सरकार मददगार रही और कुछ मायनों में आयोग को कठिनाइयां भी आईं।’’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले आयोग को तथाकथित विमान दुर्घटना की जांच के लिए ताइवान नहीं जाने दिया गया क्योंकि यह राजनीतिक रूप से सही अवसर नहीं था।
अनीता ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अंतिम आयोग (मुखर्जी आयोग) को दस्तावेजों के लिहाज से सही तौर पर समर्थन नहीं मिला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक तरह की ढिलाई लगी लेकिन मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकती कि उन्होंने क्या लिखा और उनका निजी अनुभव क्या रहा।’’ सुभाष चंद्र बोस 18 अगस्त, 1945 को कथित विमान हादसे के बाद रहस्यमयी तरीके से लापता हो गये थे जिसके बाद से केंद्र सरकार ने उनका पता लगाने के लिए तीन आयोग बनाये। पहले दो आयोगों ने जहां विमान दुर्घटना और नेताजी के निधन की बात को माना वहीं 1999 में गठित तीसरे आयोग ने इस बात को नहीं स्वीकारा और कहा कि उस दिन ताइवान में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था। मुखर्जी आयोग की अंतिम रिपोर्ट को 2006 में संसद में पेश किया गया था जिसे कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने खारिज कर दिया।
जब अनीता से पूछा गया कि क्या वह विमान दुर्घटना की बात से इत्तेफाक रखती हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस बात की संभावना काफी हद तक हो सकती है। मैंने खुद कई चश्मदीदों से और खासकर जापानी प्रत्यक्षदर्शियों से बात की थी और कुल मिलाकर यही सबसे संभावित बात लगती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानती हूं कि अब वह जीवित नहीं हैं।’’ नेताजी 48 वर्ष की उम्र में लापता हो गये थे। पहले आयोग का गठन 1956 में किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा गठित तीन सदस्यीय शाहनवाज समिति ने कहा था कि नेताजी का निधन ताईवान में दुर्घटना में हो गया था। रिपोर्ट काफी विवादास्पद रही क्योंकि बोस परिवार के कुछ लोगों समेत अनेक लोगों ने इससे असहमति जताई।
1970 में इंदिरा गांधी द्वारा गठित जीडी खोसला आयोग ने अपने निष्कर्ष में कहा था कि विमान दुर्घटना में बोस का निधन हो गया। कुछ नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दोनों आयोगों की कड़ी निंदा की थी। वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एमके मुखर्जी आयोग बनाया जिसने जापान, रूस, ताईवान जैसे देशों में उस समय के हालात का अध्ययन किया और 1945 की विमान दुर्घटना में कथित रूप से नेताजी के निधन से जुड़ी अनेक फाइलों का अध्ययन किया। अन्य आयोगों की रिपोर्ट के विपरीत मुखर्जी आयोग ने कहा कि विमान दुर्घटना दरअसल नेताजी को द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में बचाने के लिए चीजों को गुप्त रखने की योजना का हिस्सा थी।
मुखर्जी ने 2005 में अपनी जांच के समापन पर कहा था कि ताईवान सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि 14 अगस्त से 20 सितंबर, 1945 के बीच ताईहोकू में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था। मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट के संदर्भ में अनीता ने कहा, ‘‘मेरे विचार से मुखर्जी आयोग ने यह पता लगाया है कि वह 18 अगस्त को ताईहोकू में मौजूद थे। हालांकि उनका कहना है कि उनके पास कोई लिखित सबूत नहीं है। लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि लिखित सबूत ही मान्य है।’’ उन्होंने हाल ही में मांग की थी कि सरकार द्वारा 1945 के बाद के बोस से जुड़े सभी दस्तावेजों का खुलासा किया जाए।
भ्रष्टचारियों के लिए एक कड़ा संदेश : मक्कड़
हिसार /हांसी (निस) : हरियाणा जनहित कांग्रेस (बी.एल.) के वरिष्ठ नेता अमीरचंद मक्कड़ ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, विधायक अजय चौटाला एवं अन्य अभियुक्तों के खिलाफ रोहिणी दिल्ली की सीबीआई कोर्ट द्वारा 22 जनवरी के दिए गए ऐतिहासिक फैसले से केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में भ्रष्टचारियों के लिए एक कड़ा संदेश है। इतने बड़े राजनीतिक घराने और वरिष्ठ अफसरों को सजा सुनाकर अदालत ने दर्शाया है कि देश में कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। अमीरचंद मक्कड़ ने कहा कि अदालत के फैसले से इनेलो नेताओं का चेहरा बेनकाब हो चुका है और हजकां-भाजपा गठबंधन की सरकार बनने पर प्रदेश की भ्रष्ट हुड्डा सरकार के तमाम घोटालों की भी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई ने सदैव ईमानदार राजनीति की और कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया। उन्होंने किसानों के हितों के लिए एसईजेड जैसे मुद्दों को गंभीरता से उठाया। मक्कड़ ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार की किसान विरोधी की अगर सीबीआई से जाँच कराई जाए तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आएगा और कांग्रेस का हश्र भी चौटाला जैसा ही होगा। उन्होंने कहा कि पहले से ही प्रदेश में अपना जनाधार खो चुकी इनेलो पार्टी अदालत के ऐतिहासिक फैसले से पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, क्योंकि जिस पार्टी का मुखिया ही भ्रष्टाचार जैसे संगीन मामलों में जेल की हवा खा रहा हो, उस पार्टी का भविष्य कैसा होगा।
हिंदू अपमानित तो क्या भारत गौरवान्वित?
गृहमंत्री श्री शिंदे साहब द्वारा विश्व के सबसे बड़े हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा देश के प्रमुख विपक्ष भाजपा पर आतंकवादी तैयार करने के शिविर चलाने और हिंदू आतंकवाद फैलाने का नाम लेकर जो आरोप लगाया गया, वह इतना आत्मदैन्य से भरा गैर जिम्मेदाराना बयान है कि जिसके बारे में सिर्फ केवल इतना ही कहा जा सकता है कि सर, अगर कोई देश के कानून और संविधान के विरुद्ध काम कर रहा है, उसे पकडिय़े, सजा दीजिए पर उस पर हल्के स्तर का राजनीतिक खेल तो मत करिए।
जिस हिंदू समाज ने पिछले एक हजार साल से विदेशी बर्बर आक्रमणकारियों का सामना किया, जिस विधर्मी और अधर्मी आक्रमणकारियों ने हमारे तीन हजारे से अधिक मंदिर नष्ट किए, हम्पी जैसा विश्वविख्यात नगर जला दिया, 18 बार दिल्ली को लूटा और यहां नरसंहार किया, तलवार के बल पर धर्मांतरण किया, उसके बावजूद जिसने उन तमाम मतावलंबियों के प्रति नफरत न रखते हुए खंडित आजादी के बाद भी सबको समान अधिकार दिए, तीन-तीन मुस्लिम राष्ट्रपति, वायुसेना अध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायाधीश, मंत्रिमंडलीय सचिव, आईबी के प्रमुख, आनंद और सम्मान के साथ होने दिए, क्या उस हिेंदू के मानस में ऐस घृणा का तत्व हो सकता है कि जिसे पहचान कर शिंदे साहब ने आतंकवाद के साथ हिंदू शब्द जोडऩे की जरूरत समझी?
आतंकवाद कायरों का काम है। जो डरपोक और चोर-उचक्कों की तरह आघात करना चाहते हैं वे आतंकवाद का सहारा लेते हैं। वीर युद्ध करते हैं और या तो शत्रु को नियमों के अंतर्गत लड़े गए युद्ध में परास्त करते हैं या वीरगति को प्राप्त होते हैं। जिस वर्ष हम दुनिया के सबसे महान और क्रांतिकारी हिंदू संन्यासी स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मना रहे हैं, उसी वर्ष वही सरकार जिसने 150वीं जंयती का शासकीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया, हिंदुओं पर एक सामान्यीकृत लांछन लगा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि हिंदू आतंकवाद का शब्द प्रयोग किए जाने पर वे राजनीतिक दल भी चुप रहे जिनमें 90-95 प्रतिशत तक हिेंदू हैं और जो बार-बार इस बात पर आपत्ति करते हैं कि आतंकवाद के साथ इस्लामी शब्द नहीं जोडऩा चाहिए। शायद वे मानते हैं कि जब हिंदुओं पर आघात होता है तो उसका अर्थ है केवल और केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा पर आघात, इसलिए उस आघात का जवाब देने की जिम्मेदारी भी इन्हीं संगठनों पर है।
यह एक मानसिकता है जो लगातार विदेशी आक्रमणों के कारण आम हिंदू को दब्बू तथा अपने हिंदुपन के प्रति क्षमा तथा लज्जा का बोध रखने वाला बना गयी। दुनिया में केवल हिंदुओं में ही ऐसे लोग मिलेंगे जो हिंदू कहे जाने पर अचकचाकर संकोच के साथ कहेंगे- साहब, मैं तो इंसान हूं, मैं सब धर्मों में यकीन करता हूं। अपने को आग्रहपूर्वक हिंदू कहने का कोई अर्थ नहीं है। केवल हिंदू धर्म के आश्रमों, मठों और मंदिरों में अक्सर अल्लाह, जीसस तथा जरथुस्त्र के प्रतीक मिलते हैं और वहां लिखा रहता है- सब धर्मों का सार एक है, ईश्वर एक है, अल्लाह को भजो या जीसस की उपासना करो, पहुंचोगे उसी एक निराकार, परम ब्रह्म की ओर।
लेकिन यह बात किसी ईसाई या मुसलमान से आप कहें तो वह छाती तानकर, माथा उठाकर सीधे-सीधे बोलेगा कि मुझे गर्व है कि मैं ईसाई या मुसलमान हूं और मैं केवल अपने मत या मज़हब के अलावा बाकी सभी मतों और मजहबों को झूठा तथा जन्नत तक ले जाने में असमर्थ मानता हूं इसलिए उन सबके मतांतरण के लिए मैं दुनिया भर से चंदे इक_ा करके प्रभु के सच्चे प्रकाश की ओर ले चलने का अधिकार सुरक्षित रखता हूं।
जिस देश में हिंदुओं का बहुमत हो और जिन्होंने एक हजार साल तक विदेशी आक्रमणकारियों के जुल्म् और अत्याचार झेले हों, उन्होंने यह नहीं कहा कि कम से कम अब आजादी के बाद तो हमें अपने धर्म, मंदिर और आस्था के सांस्कृतिक तौर-तरीकों की सुरक्षा का संवैधानिक अधिकार दो तथा हमारे गरीब, अनपढ़ और मजबूर लोगों का अन्य मतों में मतांतरण पूरी तरह से काननून बंद करने का प्रावधान बनाओ। हिंदू तो इतने उदारवादी और अपने ही समाज को खत्म तथा तोडऩे की साजिशों के प्रति उदासीन रहे कि उन्होंने गैर-हिंदू अल्पसंख्यकों को वे विशेषाधिकार भी दे दिए जो खुद उन्हें प्राप्त नहीं है।
अगल-बगल में जहां कहीं हिंदू अल्पसंख्यक तथा मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, वहां मंदिर तोड़े जाते हैं, शमशान घाट तक खत्म् कर दिए जाते हैं, हिंदू बच्चे स्कूल में अपने धर्म के प्रतीक पहनकर नहीं जा सकते, अपने धर्म ग्रंथ संस्कृत में पढऩे की सुविधा नहीं पाते, उन्हें नागरिकता के समान अधिकार नहीं मिलते और यहां तक कि अपने ही देश में एकमात्र मुस्लिम बहुल प्रांत जम्मू-कश्मीर के कश्मीर खंड से हिंदुओं को प्रताडि़त और अपमानित करके निकाल दिया गया।
फिर भी हिंदुओं में से कोई ऐसा संगठन नहीं खड़ा हुआ जिसने हिंदू राज के लिए गैर हिंदुओं के समापन का ऐलान किया हो। बल्कि दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू राज की थियोक्रेसी यानी सांप्रदायिक या पंथ पर टिकी शासन व्यवस्था का निषेध किया। हम भारत के सेक्यूलर संविधान और उसकी लोकतांत्रिक, बहुलतावादी अवधारणा को ही भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।
फिर भी यदि कोई हिंदू आतंकवाद जैसा शब्द इस्तेमाल करता है तो क्या यह भारत की गौरवशाली सभ्यता, परम्परा और उसके इतिहास का अपमान नहीं? यदि केवल कुछ व्यक्तियों के गलत आचरण के कारण पूरे समाज को दोषी ठहराना है तो क्या नैना साहनी हत्याकांड या 1984 के बर्बर सिख नरसंहार के लिए समूची कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कांग्रेसी आतंकवाद जैसे शब्द प्रयोग प्रचलन में लाये जाने चाहियें? हिंदू समाज और उसकी महान परंपरा भारत की पहचान है। इसीलिए स्वामी विवेकानंद ने आह्वान किया था कि- गर्व से कहो कि तुम हिंदू हो और केवल तभी तुम स्वयं को हिंदू कहाने योग्य कहे जाओगे जब तुम अपना आदर्श और अपना नायक गुरु गोविंद सिंह को मानो। उनकी शक्ति और भक्ति से प्रेरणा लेकर ही तुम इस भारत की सच्ची संतान हो सकते हो। शिंदे साहब क्या आपने यह सब पढ़ा है?
जैसा बोओगे वैसा काटोगो-रेनुका बिश्नोई
हिसार (निस) : हरियाणा जनहित कांग्रेस (बी एल) विधायक दल की नेता रेनुका बिश्नोई ने कहा कि
ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला अपने कर्मों की सजा भोग रहे हैं। यह सर्व विदित सच्चाई है कि जैसा बोओगे वैसा काटोगे। अदालत के फैसले की चहुं ओर प्रशंसा हो रही है तथा हजकां भी न्याय पालिका के इस फैसले का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि हजकां अध्यक्ष व सांसद कुलदीप बिश्नोई सकारात्मक सोच के धनी हैं। वे मानवता के प्रति सच्ची हमदर्दी रखते हैं और प्रदेशवासियों को अपने सुख-दुख का साथी मानते हैं। यह उनका जनता के प्रति लगाव का ही परिणाम है कि उन्होंने हिसार संसदीय क्षेत्र के लोगों को आपराधिक तत्वों से राहत दिलाने के लिए अपनी जेब से क्लोज सर्किट कैमरे लगवाए। इसके अलावा बहरे व कम सुनने वाले लोगों के जीवन में खुशियां लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करके करीब 2000 लोगों को करोड़ों रुपए अत्याधुनिक हियरिंग मशीनें प्रदान की। यदि जनता के आशीर्वाद व भाजपा के सहयोग से कुलदीप बिश्नोई मुख्यमंत्री बने तो प्रदेश को मार्डन व मॉडल राज्य के रूप में विकसित करेंगे। वे शनिवार को आदमपुर स्थित अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहीं थी। इस दौरान उन्होंने बालसमंद में लाल बहादुर शास्त्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करके ध्वजारोहण किया। उन्होंने क्लोज सर्किट कैमरे लगाने के दूसरे चरण में बवानीखेड़ा कैमरों का विधिवत शुभारंभ भी किया।
रेनुका बिश्नोई ने कहा कि चौटाला परिवार के काले कारनामों ने जहां उन्हें देश के भ्रष्ट राजनेताओं की अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया है वहीं कुलदीप बिश्नोई की साफ-सुथरी व बेदाग छवि से वे लोगों के दिलों में रच-बस गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं उनमें हमेशा जन सेवा का जज्बा देखती हूं। उन्होंने कहा कि हिसार लोकसभा उपचुनाव में अपार समर्थन, आदमपुर उपचुनाव में दमदार जीत और सिरसा महारैली में उमड़ा लाखों का जनसैलाब। यह सब साबित कर रहे हैं कि प्रदेश में हजकां-भाजपा गठबंधन की बयार चल रही है। प्रदेश की जनता ने कुलदीप बिश्नोई को अपना अगला मुख्यमंत्री मान लिया है। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई भी जनता की आवाज बनकर राज्य सरकार को भंग करके चुनाव करवाने की मांग करते रहे हैं। इनेलो नेता अभय चौटाला द्वारा चुनाव करवाने की मांग करना शोभा नहीं देता क्योंकि वे बीते एक साल में हुए तीन चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाए। अब इतनी जल्दी फिर से उन्हें चुनाव की याद सताने लगी।
उन्होंने कहा कि इन तीनों चुनाव में हजकां-भाजपा गठबंधन कांग्रेस व इनेलो को करारी शिकस्त देकर पहले नंबर पर रहा और इस तरह से आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की एकतरफा जीत होगी। इस अवसर पर उनके साथ जिलाध्यक्ष रधणीर पनिहार, मानसिंह चेयरमैन, रणबीर बिजला, सुशील खटीक, यज्ञदत शर्मा, सुभाष सरपंच, उमराव जांगड़ा, जगदीश लोरा, ईश्वर शर्मा, रामकुमार भादू, राजेश काबरेल, कंवर सिंह सैनी, विनोद धतरवाल आदि सहित भारी संख्या में पार्टी नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
चीनी मीडिया में छाई रही अग्नि-5 मिसाइल
बीजिंग (एजेंसी) : नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई परेड में भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन और विशेष रूप से ‘इंटरकौंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच’ का प्रदर्शन चीन के आधिकारिक मीडिया में छाया रहा। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने अपनी खबर में कहा है कि गणतंत्र दिवस की 100 मिनट की परेड में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-पांच का प्रदर्शन सबसे महत्वपूर्ण रहा। इसकी मारक क्षमता 6,000 किलोमीटर तक है। पिछले वर्ष अप्रैल में अग्नि-पांच के परीक्षण से चीन की इसमें काफी दिलचस्पी है क्योंकि यह चीन के सुदूर शहरों पर भी निशाना साध सकता है। चीन के पास भी ‘इंटरकौंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल’ हैं जो भारत के किसी भी क्षेत्र में निशाना लगा सकते हैं।
क्रांतिकारी वीरों ने मातृ भूमि के लिए अपने
प्राणों की आहूति दी : महाबीर प्रसाद
बरवाला (निस) : उप मण्डल अधिकारी नागरिक श्री महाबीर प्रसाद ने स्थानीय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बरवाला में 64वें गणतन्त्र दिवस केे अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा परेड की सलामी ली।
उन्होंने उपस्थित लोगों को गणतन्त्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज ही के दिन स्न 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और भारत को विश्व में एक सम्पूर्ण गणराज्य के रूप में पहचान मिली। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि आज देश में जो संविधान लागू है, उस संविधान को बनाने में डॉ० भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में गठित संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी में स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह भी शामिल थे। स्वतंत्रता सेनानियों की आशाओं के अनुरूप कृषि, उद्योग, परिवहन, आधारभूत सरंचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याण जैसे सभी क्षेत्रों में अदभुत प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि इस दिन के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डा. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, डा. भीम राव अम्बेडकर, मोलाना अब्बुल कलाम आजाद, लाला लाजपतराय जैसे महान नेताओं के नेतृत्व में देश की जनता ने एक लम्बा संघर्ष किया और कुर्बानियां दी। शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद, उधम सिंह जैसे क्रांतिकारी वीरों ने मातृ भूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस संघर्ष में हरियाणा के वीरों की ऐतिहासिक भूमिका रही है। आज हम अपने असंख्य देश भक्तों के अनूपम बलिदान के कारण ही आजादी एवं लोकतंत्र की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों ने झांकियों के माध्यम से लोगों को प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उप मण्डल अधिकारी नागरिक ने स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओंं को सम्मानित भी किया। इस मौके पर सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दिल्ली को सुरक्षित स्थान बनायेंगे - शीला दीक्षित
नई दिल्ली (एजेंसी) : सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने स्कूलों में धर्म, जाति, वर्ग आदि के आधार पर बच्चों के साथ भेदभाव पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार को ‘स्कूलों में भेदभाव’ को परिभाषित करने का सुझाव दिया और इस समस्या को समाप्त करने के लिए शिक्षकों को तैयार करने जैसे कुछ प्रस्ताव भी दिये हैं। ‘बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के कानून’ (आरटीई) के अनेक पहलुओं पर विचार करते हुए सरकार को पहले ही विस्तृत सिफारिशें भेज चुकी एनएसी ने स्कूलों एवं कक्षाओं में बच्चों के साथ अनेक आधार पर होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए सिफारिशों का मसौदा भेजा है। परिषद के शिक्षा से जुड़े कार्यसमूह ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले विशेषज्ञों और जानकारों समेत आम लोगों से 28 जनवरी तक सुझाव भी मांगे हैं। एनएसी के कार्यसमूह ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सुझाव दिया है कि ‘स्कूलों में भेदभाव’ को परिभाषित किया जाए और इस विषय पर राज्य सरकारों से संवाद किया जाए। एनएसी ने भी अपनी ओर से ‘स्कूलों में भेदभाव’ की परिभाषा सुझाई है जिसके मुताबिक जाति, वर्ग, धर्म, लिंग, क्षेत्र, पारिवारिक व्यवसाय, शारीरिक अक्षमता या बच्चे की पहचान के अन्य किसी आधार पर बच्चों में अलगाव या उन पर पाबंदी या उनमें कुछ को तरजीह देना भेदभाव के अंतर्गत आता है जिससे शिक्षा में समानता पर प्रभाव पड़ता है।